Friday, 24 February 2012

How to See When Someone Unfriends You on Facebook


Would you like to know when someone “unfriends” you on Facebook? There’s not a native way to see this information, and unless you keep a very close eye on your friend list, it’s likely when your friend count goes down, you aren’t sure who went missing.
We have found a simple script that works with Firefox, Google Chrome, Opera, Safari and Internet Explorer that notifies you when someone on Facebook unfriends you, alerts you when someone you’re friends with deactivates their profile, and helps keep track of your friend requests.
If you’re interested in adding this functionality to your Facebook account, then take a look through the gallery for more information. We’ve tried and tested it for Chrome and Firefox and recommend giving it a go.

So here is a link : http://www.unfriendfinder.com/download









Monday, 20 February 2012

My Advice To New Bloggers:


When you intend to do something innovative in life, people will tell you that you can not do it but when you prove that you can, the same person would ask you: How you did it? So don't give up and keep blogging humbly.
Blogging requires a little hard work but a lot of patience. It lets you to communicate with a multicultural online world of  2 Billion people, each of them is eager to find out, what have you got to share. So respect this opportunity and work hard with sincerity. Give more value to Quality content, respect Copyrights, your Readers and hate Blogging for money alone. I am blogging since two years but I still feel like a newbie and this is what that keeps me pushing to do more.
Please remember to be thankful to GOD Almighty for gifting you with the ability to read and write. Everyone of you is a born genius, you just need to recognize your God gifted potentials. Wishing you all a happing Blogging career. Stay blessed and be happy always. Peace and blessings be upon you all. 
Regards,
Vivek Patil
In Case U need anyhelp feel free to contact me

Thursday, 16 February 2012

School For Excellence Dewas

School of Excellence or Narayan vidhya Mandir Number -02 is the Best Government School of All Madhaya Pradesh. That is the real Proud of Dewas.Narayan vidhya Mandir Number -02 is Stablished in 2002 as School of Excellence. The School of Excellence is the first Government school on all madhaya pradesh which is honoured by AN INTERNATIONAL CERTIFICATON "ISO-9001:2000".That Shows School of Excllence is real Proud of dewas.

Contribute By
Vivek Patil (www.facebook.com/vivekpatil94 )
www.facebook.com/sfedewas

Wednesday, 1 February 2012

संवेदनहीनता की ठिठुरन


एक  झांकी ने उस शहर के चेहरे से ऐसा पानी उतारा कि हर संवेदनशील बाशिंदा चुल्लूभर पानी की तलाश में छुपता छुपाता शर्म से पानी पानी हुए जा रहा है. वैसे भी  पानी के मामले में वह  शहर दूसरे शहरों की ओर याचक दृष्टि से हमेशा से देखता रहा है. लेकिन इस देखा-देखी के बावजूद यह दिन भी देखना पडेगा, ऐसा तो कभी सोंचा ही नहीं था.
राष्ट्रीय महत्त्व के आयोजन जिनमे जिले के वरिष्ट अधिकारी,मंत्री और समाज के महत्वपूर्ण लोग मौजूद हों,तब कौन नहीं चाहेगा कि कुछ ऐसा किया जाए कि उन  सबकी निगाह में आ जाएँ और अपनी  झांकी जम जाए. झांकी जमाने की तमन्ना में कोई  झाँकीबाज गणतंत्र दिवस पर नगरनिगम की ऐसी झांकी जमाकर अंतर्ध्यान हो गए कि  अब जिले का सारा अमला हलकान हुए जा रहा है. हुआ यूं है कि बूँद-बूद पानी को तरसते देवास में गत गणतंत्र दिवस पर नगर निगम ने अपनी उपलब्धियों के प्रदर्शन की आकांzक्षा से एक झाँकी बनाई .उस दिन लोगों को पर्याप्त पानी मिला या नहीं यह तो नहीं पता लेकिन झाँकी में लगाए गए नल से पूरे जोश के साथ पानी की मोटी धारा बह रही थी. पानी का इस तरह दिखाई देना बहुत राहत का सन्देश दे रहा था,बल्कि यह और भी संतोषजनक तब हो गया जब लोगों ने एक छोटे से बच्चे को नंग-धडंग नल के नीचे स्नान का लुत्फ़ (?) उठाते देखा. बaताते है उस दिन नगर का वातावरण शीतलहर के कारण बेहद  सुहावना हो गया था और कार्यक्रम में आनेवाले  वीआयपियों को सूट और कश्मीर-लद्दाख से लाई  गई शालों,पुलोवरों को धारण करने का अवसर भी मिल गया था. कुछ मेडमों ने तो इस अवसर पर झांकियों पर ध्यान देने की बजाए स्वेटरों और शालों की डिजाइन और उनकी गुणवत्ता पर चर्चा करके कार्यक्रम की बोझिलता से अपने को बचाए रखने में सफलता भी प्राप्त कर ली.
सब कुछ ठीक ही रहता यदि नल के नीचे नहाता बालक थोड़ी सी ठण्ड सहन कर लेता. ज़रा सी देर की तो बात थी यूं भी कहाँ वह गरम पानी से नहाता होगा. नहाता भी होगा या नहीं कौन जाने .अच्छे अच्छों  को पानी नहीं मिल रहा  शहर में, तो वह कौन सा राजा भोज रहा होगा. बहरहाल किसी को यह शानदार नजारा खल गया और उसने आपत्ति का दुशाला थरथराते नन्हे बदन पर डाल दिया.
बहुत पिछड़े  परिवार के मामूली सी कोठरी में रहनेवाले बालक सनी ने मासूमियत से बताया कि एक अंकल ने  झाँकी में नहाने से पहले उसे पांच रूपए दिए थे और एक समोसा भी खिलाया था. गरीबों के लिए सोंचने वाले बिरले ही मिलते हैं. अंकल को क्या पता था कि . गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसी गरीब की मदद करना और जलसंकट से जूझते शहर में उसके लिए नहाने का इंतजाम करा देने पर इतना हो-हल्ला हो जाएगा.
यह भी एक संयोग ही है कि जहाँ हट्ठा-कट्ठा एक सनी (सनी देओल) पैसों के लिए अभिनय करते हुए हेडपंप उखाड फेंकता है वहीं  एक मासूम और कमजोर सनी को पैसे देकर अभिनय करने के लिए लालायित करा लिया जाता है.  यह अलग बात है कि बाद में वह कहता है कि झाँकी में नल के नीचे नहाते वक्त उसे 'भोत ठण्ड लग रही थी.' अब तो उसका बुखार भी उतर गया है,सर्दी खांसी भी ठीक हो गई है. लेकिन हमारे शहर का जो पानी उतर गया है उसका क्या होगा?  
ब्रजेश कानूनगो
503,गोयल रिजेंसी ,चमेली पार्क ,कनाडिया रोड,इंदौर18