विगत दिनों महापौर सुश्री रेखा वर्मा द्वारा दिए गए बयान पर कांग्रेस में खलबली मच गयी है, उन्होंने अपनी ही पार्टी के सांसद पर आरोप लगाया की सांसद निधि से एक दो लाख रुपये देकर ये मंच पर बैठ अपना नाम कर लेते हैं पर नगर निगम से पच्चीस पच्चीस लाख रुपए देते हुए भी वे बेगाने बने रहेते हैं |
इस बयान के बाद सांसद प्रतिनिधि श्री मनोज राजानी की ओर से जबरजस्त प्रतिक्रिया हुए और कांग्रेस के अंदर का सारा झगडा सामने आ गया | उन्होंने आरोप लगाया की महापौर की भाजपा के साथ कुछ मिलीभगत है और साथ में मिल कर कार्य करते हैं, उन्होंने महापौर को सस्ती लोकप्रियता बटोरने वाली बताते हुए नसीहत दी की जनता सब जानती है और आरोप लगाया की उन्होंने भाजपा विधायक निधि का उपयोग किया और इसके सबूत के रूप में उनके हस्ताक्षर मौजूद हैं, सांसद प्रतिनिधि के अनुसार महापौर ने खुद गलत परिपाटी डाली है | इस तरह महापौर की गरिमा को ठेस पहुँचती है ओर विश्वसनीयता कम होती है |
सांसद प्रतिनिधि ने कहा की अगर सांसद ने नगर निगम से एक रुपया भी लिया हो तो मैं उनका इस्तीफा दिलवा दूँगा, जितना भी विकास देवास में कराया है अपने बलबूते पर कराया है |
एक ही पार्टी के दो दिग्गजों के बीच वाक् युद्ध के कारण देवास का विकास ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है, एक और सांसद और दूसरी और महापौर दोनों कांग्रेस के |
इधर भाजपा के विधायक की ओर से श्री अर्जुन यादव का ने कटाक्ष करते हुए कहा की नगर निगम उनकी नहीं 45 पार्षद ओर देवास की जनता का है, उन्होंने कहा की ये उनके दिमाग का दिवालियापन की वो अपने सांसद पर ही आरोप लगा रही हैं |
इधर जब महापौर ने चारो ओर से पड़ते दबाव से कुछ भी कहने से मना कर दिया |
अब चिंता का विषय ये है की महापौर ओर सांसद के विवाद के बीच अब देवास के विकास का क्या होगा ?
इस बयान के बाद सांसद प्रतिनिधि श्री मनोज राजानी की ओर से जबरजस्त प्रतिक्रिया हुए और कांग्रेस के अंदर का सारा झगडा सामने आ गया | उन्होंने आरोप लगाया की महापौर की भाजपा के साथ कुछ मिलीभगत है और साथ में मिल कर कार्य करते हैं, उन्होंने महापौर को सस्ती लोकप्रियता बटोरने वाली बताते हुए नसीहत दी की जनता सब जानती है और आरोप लगाया की उन्होंने भाजपा विधायक निधि का उपयोग किया और इसके सबूत के रूप में उनके हस्ताक्षर मौजूद हैं, सांसद प्रतिनिधि के अनुसार महापौर ने खुद गलत परिपाटी डाली है | इस तरह महापौर की गरिमा को ठेस पहुँचती है ओर विश्वसनीयता कम होती है |
सांसद प्रतिनिधि ने कहा की अगर सांसद ने नगर निगम से एक रुपया भी लिया हो तो मैं उनका इस्तीफा दिलवा दूँगा, जितना भी विकास देवास में कराया है अपने बलबूते पर कराया है |
एक ही पार्टी के दो दिग्गजों के बीच वाक् युद्ध के कारण देवास का विकास ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है, एक और सांसद और दूसरी और महापौर दोनों कांग्रेस के |
इधर भाजपा के विधायक की ओर से श्री अर्जुन यादव का ने कटाक्ष करते हुए कहा की नगर निगम उनकी नहीं 45 पार्षद ओर देवास की जनता का है, उन्होंने कहा की ये उनके दिमाग का दिवालियापन की वो अपने सांसद पर ही आरोप लगा रही हैं |
इधर जब महापौर ने चारो ओर से पड़ते दबाव से कुछ भी कहने से मना कर दिया |
अब चिंता का विषय ये है की महापौर ओर सांसद के विवाद के बीच अब देवास के विकास का क्या होगा ?
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